उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में गुरुवार को प्रधानमंत्री Narendra Modi ने कैलास व्यू पॉइंट से आदि कैलाश के दर्शन किए। यह व्यू पॉइंट जोलिंगकोंग क्षेत्र में है, जहां से कैलास पर्वत स्पष्ट दिखाई देता है। इसके लिए चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Table of Contents
इसके साथ ही पीएम Narendra Modi ने पार्वती कुंड में पूजा अर्चना की। चीन की सीमा यहां से 20 किलोमीटर दूर से शुरू होती है। Narendra Modi देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने उत्तराखंड में भारत-चीन बॉर्डर पर आदि कैलाश पर्वत की यात्रा की है।
14000 फुट की पैदल दूरी पर एक वीरान गांव गूंजी में स्थित है उत्तराखंड के धारचूला से 70 किमी दूर और 14000 फीट की दूरी पर बसा एक छोटा सा वीरान गांव गुंजी में अगले दो वर्षों में एक बड़ी धार्मिक नगरी शिवधाम के रूप में विकसित होगी। धारचूला के बाद कैलास प्वाइंट, ओम पर्वत और आदि कैलास जाने वाले मठ के लिए यह सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण निरीक्षण होगा। यहां बड़े यात्री आवास और होटल बनेंगे। भारतीय टेलीकॉम का नेटवर्क भी उपलब्ध है। गांव में होम स्टे शोरूम।
संरक्षित भूमि गुंजी व्यास घाटी में स्थित है, जहां गाद या बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। वर्तमान में यहां केवल 20 से 25 परिवार ही रहते हैं, जो बमुश्किल अपना भरण-पोषण कर पाते हैं। ओम की डॉक्टर रीना जोशी के मुताबिक, नाभीढांग, माउंट और कैलाश व्यू प्वाइंट का रास्ता गुंजी के अपस्ट्रीम की तरफ से है, जबकि आदि कैलास और जोलीकोंग का रास्ता बाईं तरफ से है। इसलिए यह कैलाश गांव यात्रियों के लिए उपयुक्त है।
Narendra Modi जाग धाम भी जाएंगे प्रधानमंत्री दोपहर 12 बजे अल्मोडा जिले के जागेश्वर। यहां वह जागेश्वर धाम के दर्शन करेंगे। जागेश्वर धाम में लगभग 6200 फुट की ऊँचाई पर 224 पत्थरों के मंदिर स्थित हैं। दोपहर 2:30 बजे मार्केटप्लेस, जहां वह ग्रामीण विकास, सड़क, बिजली, सींच, सूखा, बागवानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों से संबंधित लगभग 4,200 करोड़ रुपये के विकास की शुरुआत करेंगे।
उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि पीएम Narendra Modi के दौरे से पर्यटन बढ़ेगा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम Narendra Modi के दौरे की जानकारी दी. पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी के आने से निश्चित तौर पर कुमाऊं मंडल में पर्यटन बढ़ेगा.
अब भारत से भी करें रामबाण कैलाश के दर्शन; यह पवित्र पर्वत यहां से 50 किमी दूर उत्तराखंड में स्थित है। भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत अब केवल भारत से ही देखा जा सकता है। इसके लिए तिब्बत में चीनी व्यापारियों की कोई जरूरत नहीं है. उत्तराखंड के औद्योगिक जिले सफा में 18 हजार फीट ऊंचे लिपुलेख पर्वत से कैलाश पर्वत दिखाई देता है। यहां से पर्वत की हवाई दूरी 50 किमी है।